प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: इससे मिलने बाले लाभ ओर योगता

17 सितंबर, 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य उन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करना है जो अपने हाथों और उपकरणों से काम करते हैं।

विश्वकर्मा योजना के लाभ:

**1. प्रशिक्षण और कौशल संवर्धन:** पारंपरिक कारीगरों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर और अन्य को अपने कौशल में सुधार करने के लिए 6-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मिलता है। यह प्रशिक्षण उन्हें नई तकनीकें सीखने में मदद करता है।

**2. वित्तीय सहायता:** यह योजना इन कारीगरों को 10,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह पैसा उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने या विस्तार करने और अपने जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है।

**3. रोज़गार के अवसर:** इस योजना में हर साल लगभग 15,000 लोगों के लिए नौकरियाँ पैदा करने की योजना है। इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ने और अधिक स्थिर होने में मदद मिलती है।

**4. ऑनलाइन आवेदन:** जो लोग इस योजना से लाभ उठाना चाहते हैं वे आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे योग्य उम्मीदवारों के लिए सहायता प्राप्त करना आसान हो जाता है।

**5. पूर्ण लागत कवरेज:** राज्य सरकार विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पूरी लागत का भुगतान करती है। इसका मतलब है कि कारीगर पैसे की चिंता किए बिना उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।

इन लाभों के अलावा, पीएम विश्वकर्मा योजना से यह उम्मीद की जाती है:

– पारंपरिक कारीगरों की आय बढ़ाएं।
– पारंपरिक कला और शिल्प में अधिक रोजगार सृजित करें।
– भारत की समृद्ध संस्कृति की रक्षा और संवर्धन करें।
– भारतीय कला और शिल्प को विश्व स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएं।

यह योजना पारंपरिक कारीगरों को समर्थन देने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए भारत सरकार की एक बड़ी पहल है।

Feature image credit: Wikimedia

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version